शुक्रवार, 16 अगस्त 2013

एक चिट्ठी 'अभिज्ञान' के नाम!


कितनी मोहक तस्वीर है, आँखों की चमक तिरंगे को देख जैसे और बढ़ गयी हो… नन्हे हाथों ने जैसे थाम ली हो धरोहर और तिरंगे की आन बान और शान से परिचित होने की कोशिश कर रहा हो… तीन रंगों के मतलब को समझने का प्रयास कर रहा हो…! कितनी भोली हैं आँखें और कितना प्यारा है यह अंदाज़! 
हमें यह तस्वीर सहेज लेने की बेहद इच्छा हुई और गाने का मन हुआ-
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा / झंडा ऊंचा रहे हमारा 
यही गीत सुनते गुनगुनाते हुए बस हम इसकी आँखें देखे जा रहे हैं और होठों पर खिली हंसी को निहार रहे हैं. 
***
यह अभिज्ञान है, मेरी बुआ का पोता, और हम इसकी बुआ… 
***
अभिज्ञान, तुम्हें हमने बस तस्वीरों में ही तो देखा है और वो भी बस इधर… लेकिन कितने जाने पहचाने लग रहे हो… जैसे ये चमकती आँखें हमने हमेशा से देखी हुई है… 
तुम्हारी यह तस्वीर जिसने भी खिंची है, उसे मेरी ओर से बड़ा वाला थैंक यू कहना! तुमसे पता नहीं कब मिलना होगा, इसलिए लिख रहे हैं यह पत्र… बड़े हो जाओगे तो पढ़ना कभी…! 
पल पल की तस्वीरें इकट्ठी होती जायेंगी, जाने इतनी सारी अपनी तस्वीरों में तुम यह वाली ढूढ़ पाओगे या नहीं इसलिए इसे हम यहाँ चिपका कर अपने पास रख ले रहे हैं. अब ये डिजिटल फोटोग्राफ्स का ज़माना है, कभी कभी बड़े से तस्वीरों के भण्डार में खो जाती हैं कोई तस्वीर लैपटॉप के फ़ोल्डर्स में ही कहीं… 
ये खो देने वाली तस्वीर है ही नहीं, इसे बहुत जगह सहेज कर उसी तरह रखा जाना चाहिए जैसे हम अपना कोई  बहुत ज़रूरी डॉक्यूमेंट कई जगह रखते हैं… हार्ड डिस्क में, डेस्कटॉप पर, मेलबॉक्स में एंड सो ओन एंड सो फोर्थ:)
इस तस्वीर को और इस मुस्कान को हम अपने पास रखेंगे, जब भी नीला अम्बर उदास होगा न, ये मुस्कान कोई इन्द्रधनुष रच दिया करेगी उसपर और सब सुन्दर और खिला खिला सा हो जायेगा…! है न?
यूँ हमें मिलने का शुक्रिया अभिज्ञान!
यहाँ आने के लिए और ये भोलापन यहाँ बिखेरने के लिए भी बहुत बहुत धन्यवाद!
अपने मम्मी पापा को मेरा प्रणाम बोलना… 
***
तस्वीरें कितना कुछ जोड़ती हैं… कितना कुछ बोलती हैं, १५ अगस्त की शुभ बेला में तीन रंग की सुषमा कुछ यूँ भी आई एक फ़रिश्ते के ज़रिये हमतक! 
फ़ेसबुक! शुक्रिया तुम्हारा भी, माध्यम तो तुम्हीं तो रहे इस तस्वीर को हमतक पहुँचाने के.
***
पिंगली वेंकैया ने जिस निष्ठा व समर्पण के साथ तिरंगे की परिकल्पना की होगी, उसे हम कोटि कोटि प्रणाम करते हुए हम अपने तिरंगे का वंदन करते हैं!

जय हिन्द!
जय भारत!!

10 टिप्‍पणियां:

  1. इन्हे मेरा भी आशीर्वाद ढेर सारी
    और बड़ी वाली शुभकामनायें
    सार्थक चिट्ठी

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  2. "एक चिट्ठी अभिज्ञान के नाम " बहुत ही भावपूर्ण चिठ्ठी ,सुंदर |

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. हिंदी ब्लॉग समूह के शुभारंभ पर आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा {सोमवार} (19-08-2013) को
    हिंदी ब्लॉग समूह

    पर की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी {सोमवार} (19-08-2013) को पधारें, सादर .... Darshan jangra

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  4. Bade sundar aur saral tarike se bhav vykt kar me vibhor kar diya Anu.

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