'अनुशील' की यात्रा विम्बित करते हुए...
अनुशील पर जब लिखना शुरू किया था तब कहाँ पता था कि सैकड़ों पन्ने यूँ ही बचपन से अब तक खो देने वाली यह लड़की... अपनी वेबसाइट पर दो सौ पोस्ट के आंकड़े पार कर पाएगी... और कुछ भी नहीं खोएगा!
सब एक स्थान पर संकलित मिलेगा... जिसे वह जब चाहे तब पलट पाएगी:)
कवितायेँ, आंसू और भाव तो थे...
पर कभी सहेजे नहीं गए...
फिर, एक दिन
किसी ने वृक्ष, पंछी और बादलों से सजा कर
'अनुशील' उपहार में दे दिया
तब से
सहेज रहे हैं कितना कुछ उसके प्रताप से!
अब
इस अनूठे श्रेय के लिए
कैसे(?)
आभार व्यक्त किया जाता है...
ये नन्हा सा प्रश्न
पूछते हैं हम
अपने आप से!
तब...
अन्दर सबकुछ
मौन हो जाता है
जुड़ते हैं जब भाव
दूरी का आभास
गौण हो जाता है...!!!
तब...
जवाब देंहटाएंअन्दर सबकुछ
मौन हो जाता है
जुड़ते हैं जब भाव
दूरी का आभास
गौण हो जाता है...!!!
'अनुशील' मेरा सबसे पसंदीदा ब्लॉग है ।
सादर
aapne sach kaha blog vo pyaari kunji hai jisme aap apne shabd ek saath sambhaal kar rakh sakte hain.200 ka padaav paar karne par badhaai.
जवाब देंहटाएंकुछ भावो को शब्द भी नही पकड पाते………यात्रा अनवरत जारी रहे 200 वीं पोस्ट की शुभकामना।
जवाब देंहटाएंसचेत रहता हूँ तुरंती पर ।
जवाब देंहटाएंकुछ अनर्गल क्षमा करेंगे ।।
दो सौ का यह आँकड़ा, मात्र आँकड़ा नाय ।
अथक कड़ा यह आपका, श्रम नियमन बतलाय ।
श्रम नियमन बतलाय, बधाई देता रविकर ।
कविता आँसू भाव, बहाए है जो मनभर ।
बना सितारे टांक, रहा यह नीला-अम्बर ।
रहा ताक अनुशील, निखारा जिसने तपकर ।।
यह भावनाएं ही तो है ...तो जोडती है ...जब वह मुखरित होती है ...तो अहसास होता है ...की मुझ जैसे और भी हैं ...यही सच जोड़ता है ....सरहद्दों, देशों की सीमाओं को लांघकर
जवाब देंहटाएं200 पोस्ट की बधाई ॥यात्रा यूं ही जारी रहे ...
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन प्रस्तुति....200 पोस्ट की बधाई ॥
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुतियाँ निरंतर जारी रहे...
जवाब देंहटाएं200 वीं पोस्ट की सादर बधाई।
मन के भाव सहेजे हैं आपने अनुशील में ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुभकामनायें ...!!